THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA IN HINDI

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

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नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब shiv chalisa in hindi आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।

हनुमान चालीसा लिरिक्स

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

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